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kabir Bhajan Lyrics

Dekhhu yeh tann jarta hai, ghadi pahar bilambi re bhai jarta hai Lyrics – देख़हु यह तन जरता है, घड़ी पहर बिलंबी रे भाई जरता है। १

Dekhhu yeh tann jarta hai, ghadi pahar bilambi re bhai jarta hai Lyrics : _________________________________________________________________ देख़हु यह तन जरता है, घड़ी पहर बिलंबी रे भाई जरता है। १ काहे कौ एता किया पसारा, यह तन जरि बरि ह्वै है छारा। २ नव तन द्वादस लागी आगी, मुगध न चेते नख सिख जागी । ३ काम क्रोध घट भरे बिकारा, आपहि आप जरे संसारा । ४… Read More »Dekhhu yeh tann jarta hai, ghadi pahar bilambi re bhai jarta hai Lyrics – देख़हु यह तन जरता है, घड़ी पहर बिलंबी रे भाई जरता है। १

Duniya matlab ka garzi, ab mohi jaan pari Lyrics – दुनिया मतलब का गरजी, अब मोहि जान परी । टेक

Duniya matlab ka garzi, ab mohi jaan pari Lyrics : _________________________________________________________________ दुनिया मतलब का गरजी, अब मोहि जान परी । टेक जौ लौं बैल लदे बनियाँ के, तौ लो चाह धनी । थकित भया कोइ बात न पूछे, फिरता गली गली । १ मोह भरम से सती होत है, पिय के फंद पड़ी ।हरदम साहब नहि पहचाना, मुरदा संग जली । २ हरे वृक्ष पक्षी… Read More »Duniya matlab ka garzi, ab mohi jaan pari Lyrics – दुनिया मतलब का गरजी, अब मोहि जान परी । टेक

Ab Koi Khetiya Mann Lavei Lyrics – अब कोई खेतिया मन लावै॥

Ab Koi Khetiya Mann Lavei Lyrics : _________________________________________________________________ 1. ज्ञान कुदार ले बंजर गोड़े, नाम को बीज बोवावे॥ 2. सुरत सरावन नय कर फेरे, ढेला रहन न पावै॥ 3. मनसा खुरपनी खेत निरावै, दूब बचन नहिं पावै॥ 4. कोस पचीस इक बथुवा नीचे, जड़ से खोदि बहावै॥ 5. काम क्रोध के बैल बने हैं, खेत चरन को आवैं॥ 6. सुरति लकुटिया ले फटकारै, भागत राह… Read More »Ab Koi Khetiya Mann Lavei Lyrics – अब कोई खेतिया मन लावै॥