Mithya Jeevan Mithya Hai Tann Lyrics – मिथ्या जीवन मिथ्या है तन, या धन जो नहिं परसन
Mithya Jeevan Mithya Hai Tann Lyrics : _________________________________________________________________ मिथ्या जीवन मिथ्या है तन, या धन जो नहिं परसन ।।टेक।। हम रे जाइब चलि कर, छटा जँहा बंसी धुन ।।1।। त्रिकुटी तट तिलक सोधो, येही भजन ।।2।। साध बोला कमल खोला, अमृत बचन ।।3।। नि:चय करि ध्यान धरु, पावहु दरसन ।।4।। यारी गावै सब्द सुनावै, सुनो साधु जन ।।5।। सुन्न तें नित तारी लावो, सूझि है… Read More »Mithya Jeevan Mithya Hai Tann Lyrics – मिथ्या जीवन मिथ्या है तन, या धन जो नहिं परसन