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yari-sahib Bhajan Lyrics

Sadguru Hai Purusha Akela Lyrics – सतगुरु है पुरुष अकेला। पिंड ब्रह्मण्ड के बाहर मेला

Sadguru Hai Purusha Akela Lyrics : _________________________________________________________________ सतगुरु है पुरुष अकेला। पिंड ब्रह्मण्ड के बाहर मेला ।1। दूर ते दूर ऊँच तें ऊँचा। बाट न घाट गली नहिं कूचा ।2। आदि न अंत मध्य नहिं तीरा, अगम अपार अति गहिर गँभीरा ।3। कच्छ दृष्टि तह ध्यान लगावै। पल मह कीट भृंग होइ जावै ।4। जैसे चकोर चंद के पासा। दीसै धरती बसै अकासा ।5। कह… Read More »Sadguru Hai Purusha Akela Lyrics – सतगुरु है पुरुष अकेला। पिंड ब्रह्मण्ड के बाहर मेला

Birhani Mandir Lyrics – बिरहनी मंदिर

Birhani Mandir Lyrics : _________________________________________________________________ बिरहनी मंदिर दियरा बारि। 1. बिन बाती बिन तेल जुगत स्यों, बिन दीपक उजियार। 2. प्राण पिया मेरे गृह आये रच पच सेज संवार।। 3. सुखमन सेज परम तत रहया, पिय निरगुन निराकार। 4. कहन ना जाई आनंद ऐसा, यारी मिल के यार।। _________________________________________________________________ Birhni mandir diyraa baari. 1. Bin baati bin tel jugat syon, bin dipak ujiyaar. 2. Praan… Read More »Birhani Mandir Lyrics – बिरहनी मंदिर

Guru Ke Charan Ki Raj Lyrics – गुरु के चरण की रज

Guru Ke Charan Ki Raj Lyrics : _________________________________________________________________ गुरु के चरण की रज ले के दोउ नैन के बीच अंजन दिया तिमिर मेट उजियार हुआनिरंकार पिय देख लिया कोट सूरज तहाँ छपे घनेतीन लोक धन पाए पिया सतगुर ने जो करी किरपामर के यारी जुग जुग जीया _________________________________________________________________